Tuesday 21 May 2013

सीखें भारत की सैकड़ों साल पुरानी विद्या जो बताती है भविष्य 
क्या है हस्तरेखा विज्ञान-
इस विज्ञान से आप किसी का भी भविष्य जान सकते हैं। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार हर इंसान अपनी किस्मत हाथ में लिखा कर जन्म लेता है। आपके कर्मों के अनुसार हाथ की रेखाएं बनती और बिगड़ती रहती है। हाथ की रेखाएं आपको समय समय पर बताती है कि कब क्या होने वाला है। इंसान जब गर्भ में होता है और जब उसके हाथ बनते हैं तब से रेखाएं भी बनना शुरु हो जाती है। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार हाथ का आकार और रेखाएं मिलकर आपका भविष्य बताते हैं। अगर आपकी साथ कुछ अच्छा या बुरा होने वाला है तो हाथ की रेखाएं बनती और बिगड़ती रहती है। अगर आपने कोई बुरा या अच्छा काम किया है तो भी आपके हाथ की रेखाएं बदलने लगती हैसीखें भारत की सैकड़ों साल पुरानी विद्या जो बताती है भविष्यहस्तरेखा का इतिहास-
हस्तरेखा शास्त्र भारत के अलावा चीन और रोम में भी भविष्य जाननें की महत्वपूर्ण कला है। पुराणों और ग्रन्थों का इतिहास टटोला जाए तो कहीं कहीं माना गया है कि हिंदू ऋषि वाल्मीकि जी ने एक पुस्तक लिखी जो हस्तरेखा पर है। जिसमें 567 श्लोक हैं। ये विद्या खास तौर भारत की ही है, और सैकड़ों वर्ष पुरानी इस विद्या से भविष्य ज्ञान किया जाता है। भारत से, हस्तरेखा कला का चीन, तिब्बत, मिस्र, फारस और यूरोप के अन्य देशों में प्रसार हुआ। चीन से, हस्तरेखा शास्त्र का यूनान में प्रसार हुआ, जहां अनेक्सागोरस ने इसका प्रयोग किया. लेकिन, आधुनिक हस्तरेखा शास्त्री अक्सर भविष्य करने वाली पारंपरिक तकनीक को मनोविज्ञान, संपूर्ण निदान, अनुमान के वैकल्पिक तरीकों से भी जोड़ते रहे हैं।सीखें भारत की सैकड़ों साल पुरानी विद्या जो बताती है भविष्यकैसे देखा जाता है भविष्य-
हस्तरेखा शास्त्र में पूरे हाथ से या व्यक्ति की हथेली को पढ़कर उसके चरित्र और भविष्य के जीवन का मूल्यांकन किया जाता है। इस विद्या में हाथ की विभिन्न लाइनों (रेखाओं) से भविष्य पढ़ा जाता है। इसके अलावा हथेली के  उभार अंगुलियों के नीचले हिस्सों को भी ध्यान में रखकर भविष्य बताया जाता है। हस्तरेखा शास्त्र में उंगलियों, नाखूनों, उंगलियों के निशान और व्यक्ति की त्वचा की रेखाओं (डर्मेटोग्लिफिक्स), त्वचा की बनावट व रंग, आकार, हथेली के आकार और हाथ का लचीलापन भी देखते हैं।सीखें भारत की सैकड़ों साल पुरानी विद्या जो बताती है भविष्य
कौन सा हाथ बताता है भविष्य, किस हाथ में छुपा है भविष्य
यद्यपि इस बात पर बहस होती रही है कि कौन सा हाथ पढऩा बेहतर है, पर दोनों का अपना महत्व है। यह माना जाता है कि बांया हाथ व्यक्ति की संभावनाओं को प्रदर्शित करता है, और दाहिना सही व्यक्तित्व का प्रदर्शक होता है। कुछ विद्वानों का कहना है कि महत्व इस बात का है कि कौन सा हाथ देखा जाता है। दाहिने हाथ से भविष्य और बाएं से अतीत देखा जाता है। बायां हाथ बताता है कि हम क्या-क्या लेकर पैदा हुए हैं और दाहिना दिखाता है कि हमने इसे क्या बनाया है। दाहिना हाथ पुरुषों का पढ़ा जाता है, जबकि महिलाओं का बायां हाथ पढ़ा जाता है। बांया हाथ बताता है कि ईश्वर ने आपको क्या दिया है, और दायां बताता है कि आपको इस संबंध में क्या करना है।
बायां हाथ दाहिने मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित किया जाता है। (नमूने की पहचान, संबंधों की समझ-बूझ) जिससे व्यक्ति की आंतरिक खासियतों, उसकी प्रकृति, आत्म, स्त्रैण गुण, और समस्याओं के निदान का प्रतिबिंबित होता है।
इसके विपरीत दाहिना हाथ बांए मस्तिष्क (तर्क, बुद्धि और भाषा) द्वारा नियंत्रित होता है, जो बाहरी व्यक्तित्व, आत्म उद्देश्य, सामाजिक माहौल का प्रभाव, शिक्षा और अनुभव को प्रतिबिंबित करता है।
एक हस्तरेखाविद् आमतौर पर व्यक्ति के 'प्रमुख हाथ से किस्मत पता कर सकते हैं। जिससे वह लिखता है/लिखती है या जिसका सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। मनुष्य जो कभी-कभी सचेत मन का प्रतिनिधित्व करता है और दूसरा हाथ अवचेतन का संकेत करता है। हस्तरेखा विज्ञान की कुछ परंपराओं में दूसरे हाथ को वंशानुगत या परिवार के लक्षणों को धारण किया हुआ माना जाता है। जिससे अतीत के जीवन या पूर्व जन्म की जानकारी मिलती है। वैसे कुछ विद्वान पुरूषों का दायां हाथ और महीलाओं का बायां हाथ देखा जाता है।सीखें भारत की सैकड़ों साल पुरानी विद्या जो बताती है भविष्यक्या- क्या देख सकते हैं
हस्तरेखाओं से आप भूत, भविष्य और बर्तमान, सबकुछ देख सकते हैं आपके हाथ में छुपे किस्मत के इशारे भी असानी से देखे जा सकते हैं। हाथ के रेखाओं से प्यार, पैसा, किस्मत और पैसों से जुड़े हर मामलों के बारे में पता चल जाता है। आपके दैनिक जीवन से जुड़ी बातें भी हाथ की रेखाओं से पता चल जाती है। हर तरह की घटना-दुर्घटनाएं जो भूतकाल में आपके साथ हुई हैं या जो आपके साथ होनी है। हाथ की रेखाओं से ये भी पता चल जाता है कि आपकी किस्मत कब बदलेगी। हाथ की बनावट और रेखाएं आपका व्यक्तित्व और चरित्र भी बताती हैं।सीखें भारत की सैकड़ों साल पुरानी विद्या जो बताती है भविष्य
जानिए कैसे, कब क्या होगा आपके साथ-
- अगर किसी की हथेली मोटी या भारी हो तो वो जातक लालची होता है, तथा सामान्य स्तर का जीवन यापन करता है।
- संकड़ी हथेली हो तो ऐसे लोग कमजोर प्रकृति वाले, अपने स्वार्थ को सर्वाधिक महत्व देते हैं ।
- पतली तथा कमजोर हथेली वाला जातक गरीबी का जीवन जीता है।
-  लंबी हथेली वाले स्पष्टवादी व्यक्ति होते हैं और हर बात मुंह पर बोलने वाले होते हैं।
-लंबी किंतु गोल हथेली वाले अवसरवादी व हंसमुख होते हैं तथा ऐसे लोगों का आर्थिक पक्ष अच्छा होता है।
- समचौरस हथेली यानी- हथेली की लंबाई और चौड़ाई बराबर हो तो वे व्यक्ति स्वस्थ, शांत और दृढ़ निश्चयी होते हैं। पुरुषार्थी अपने प्रयत्न से उन्नति करने वाले, किसी भी कार्य को पूरा किये बिना नहीं छोड़ते हैं।
अंगूठा
-अंगूठा जितना लंबा होगा, व्यक्ति उतना ही व अपने आप पर कंट्रोल करने वाला होता है तथा अंगूठा जितना छोटा होगा, व्यक्ति उतना ही शैतानी स्वभाव का होता है या स्वभाव से जिद्दी और आर्थिक स्थिति कमजोर होगी।
-अंगूठा जितना मोटा होगा वह व्यक्ति उतना ही गरीबी हालत में होगा।
- अंगूठा सीधा रहता हुआ दिखलाई दे और अंगूठे की नाखून वाली सबसे ऊपर का पोर पीछे की तरफ  झुकी हुई हो तो ऐसे जातक की धन दौलत रिश्तेदारों के या सगे संबंधियों के काम आती है। ऐसा जातक स्वभाव से नम्र होता है।
- सख्त हाथ वाला जातक -राज्य करने वाला तथा अपनी छबी छोडऩे वाला होता है और ऐसे जातक का जीवन रूखा और कठोर सा होता है। ऐसे जातक अपने आप को ज्यादा महत्व देते हैं। बाधाओं के आने पर भी निराश नहीं होते, बाधाओं में भी कार्य करते रहते हैं।

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