रोज़ एक दादी माँ का घरेलु नुस्खा अपनाएं और भूल जाए डॉक्टरों के पास जाना.
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1. मुँहासे त्वचा देखभाल और चमक चेहरा
2. जोड़ो. व घुटनों के दर्द से छुटकारा हमेशा के लिए.
3. अब कम करे कोलेस्ट्रॉल को ..
4. हर पेट के रोग के लिए देसी रामबाण होम उपाय.
5. भूलकर. भी इन चीजों को एक साथ ना खाये वरना बन जाएगा जहर.
6. होम उपाय घुटने के दर्द से छुटकारा हमेशा के लिए प्राप्त करने के लिए.
7. नारियल पेट की कई बीमारियों को करे अकेले रफू चक्कर.
8. लहसुन आप आज खतरनाक रोग से बचा सकता है.
9. एलर्जी के लिए बिल्कुल सही देसी होम उपाय.
10. मधुमेह के लिए देशी आयुर्वेदिक उपचार :डाइबिटीज के लिए देसी आयुर्वेदिक नुस्खे .
11. दादी मां के देसी घरेलु रोज़ मर्रा के नुस्खे.
12. स्वादिष्ट घरेलु दादी माँ के नुस्खे पेट दर्द दूर भगाने के लिए.
13. अब छोटी - छोटी परेशानियों के लिए बार - बार डॉक्टर क्लिनिक के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं.
14. सर्दी स्पेशल - ऐसा क्या खाएं की सालभर बीमारियां छू भी नहीं पाएं.
15. सूखे अदरक के ये अनोखे प्रयोग कर देंगे इन सारे रोगों की छुट्टी.
16. मैथी के घर पर तैयार लड्डू से महिलाएं पाएं चिरयौवन और रहे निरोग.
17. विशेष महिला दादी मां की देसी घर उपाय कमजोरी सभी प्रकार काबू करने के लिए.
18. विवाहित जीवन का आनंद लें घर पर हर्बल पाउडर तैयार.
19. हमेशा रहे तरोताजा कम्प्यूटर पर कई घंटो तक काम करने के बाद भी.
20. प्राकृतिक होम युक्तियाँ द्वारा भव्य चमक चेहरे के साथ सुंदर बनें.
21. नीम बहुउद्देशीय सफेद बाल, मधुमेह और कई रोग के इलाज के लिए ट्री.
मुँहासे त्वचा देखभाल और चमक चेहरा
1. नीबू का रस -
2 नींबू का रस 2 बूँदें गुलाब जल के साथ मिश्रित की बूँदें लागू करें. एक
घंटे के बाद अपना चेहरा धो लो, यह आपकी त्वचा मुँहासे (दाना) को मुक्त कर
देगा.
2. नीम -
. नीम के पत्ते का पेस्ट भी मुँहासे प्रवण क्षेत्र पर लागू किया जा सकता है, यह भी मुँहासे का इलाज बहुत प्रभावी घर उपाय है.
ख. नीम और चेहरे पर पाउडर ताजा हल्दी प्रकंद की चमक त्वचा के लिए स्नान से पहले एक लगाएँ और निशान हटाने.
3. Pudina (ताजा टकसाल) -
चेहरा या जायफल (Jaiphal) के पेस्ट करने के लिए pimples इलाज पर pudina का रस (ताजा टकसाल) लागू होते हैं.
4. लहसुन -
कच्चे लहसुन बहुत मुँहासे के लिए पूरी मदद है.
दादी माँ मुँहासे के लिए विशेष घर उपाय: Pimples निशान के बिना गायब हो जाएगा जब कच्चे लहसुन के साथ कई बार एक दिन मलवाना.
5. संतरे का रस -
शहद की एक चम्मच संतरे का रस के 2 बूँदें जोड़ें और तन हटाने के चेहरे पर लागू होते हैं.
6. मुसब्बर वेरा -
. लागू मुसब्बर वेरा चेहरे पर हल्दी पाउडर के साथ मिश्रित रंग में सुधार
की लुगदी.
ख. मिक्स मुसब्बर वेरा जेल, गेंदा फूल, नींबू का रस, संतरे का रस और कुछ
मिनट के लिए चेहरे पर मालिश और आधे घंटे के लिए छुट्टी का पेस्ट. (दादी
माँ चेहरा चमक के लिए विशेष टिप)
7. तुलसी या तुलसी के पत्तों -
चेहरे पर तुलसी मिश्रित गुलाब पानी की एक पेस्ट लागू भी अद्भुत है.
आहार और पोषण
उचित आहार के लिए अंत में अपने समय के रूप में हम हमेशा हमारे हर लेख में
सुझाव दिया है. ऊपर की रोकथाम और घरेलू उपचार बहुत मददगार रहे हैं, लेकिन
उचित और स्वस्थ आहार के बिना वे ज्यादा प्रभावी हो अभ्यस्त.
सेब उनके विटामिन और कंघी के समान आकार की वजह से अच्छे हैं. पेक्टिन
त्वचा से अस्वस्थ तेलों और विषाक्त पदार्थों को अवशोषित में मदद करता है और
भी जिगर त्वचा हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बेअसर करने में मदद करता है.
अनार, संतरे, नींबू, और Keenu जैसे फल विटामिन सी है कि आपकी त्वचा की
उम्र बढ़ने से लड़ने में मदद करता है. विटामिन सी लोच है कि नरम, कोमल,
गैर झुर्रियों त्वचा के लिए आवश्यक है बनाता है.
ब्रोकोली, पालक, हरी पत्तेदार सब्जियों और सलाद में विटामिन ए, जो त्वचा
की मरम्मत के लिए आवश्यक है के लिए व्यापारियों सहित कई विटामिन प्रदान
करते हैं.
गाजर, टमाटर और लाल सब्जियों वर्णक इन सब्जियों में पाया लाइकोपीन त्वचा
की मरम्मत के लिए आवश्यक है.
बादाम और सूरजमुखी के बीज महत्वपूर्ण पौष्टिक त्वचा के लिए आवश्यक तेलों
होते हैं.
एक रस है कि टमाटर, गाजर, अदरक, टकसाल, और lauki शामिल कई महत्वपूर्ण
विटामिन को जोड़ती है और भी एंटीऑक्सीडेंट है कि लड़ाई त्वचा हानिकारक
मुक्त कण. Top
जोड़ो. व घुटनों के दर्द से छुटकारा हमेशा के लिए-
1. सवेरे मैथी दाना के बारीक चुर्ण की एक चम्मच की मात्रा से पानी के साथ
फंक्की लगाने से घुटनों का दर्द समाप्त होता है. विशेषकर बुढ़ापे में
घुटने नहीं दुखते.
2. सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने से मात्र ही घुटनों का दर्द समाप्त हो जाता है.
3. नारियल की गिरी अक्सर खाते रहने से घुटनों का दर्द होने की संभावना नहीं रहती.
जोड़ों के दर्द आस्टीयो - आर्थराईटीस पर शोध:
यदि आप जोड़ों के दर्द आस्टीयो - आर्थराईटीस से हैं, परेशान तो
निशानचीखेलों घबराएं विशेषज्ञों की मानें तो आहार में कुछ परिवर्तन के साथ
नियमित व्यायाम इस प्रकार के जोड़ों के दर्द 50 को प्रतिशत से अधिक कम कर
सकता है. वेक फारेस्ट यूनिवर्सिटी के स्टीफन पी मेसीयर. के एक शोध में यह
जानकारी दी गयी है, जिसे हाल ही में अमेरिकन कालेज आफ रयूमेटोलोजी के
सालाना वैज्ञानिक सत्र में प्रस्तुत किया गया है.
आस्टीयो - आर्थराईटीस में सामन्यतया घुटनों की उपास्थि नष्ट हो जाती है,
तथा वजन में बढ़ोत्तरी, एवं उम्र चोट, जोड़ों में तनाव एवं पारिवारिक
इतिहास आदि कारण इसे बढाने का काम करते हैं. ऐसे रोगियों में नियंत्रित
आहार से वजन कम करना जोड़ों के दर्द को कम करने का कारगर उपाय है. यह 154
अध्धयन ओवरवेट लोगों में किया गया, जिनमें आस्टीयो आर्थराईटीस के कारण
घुटनों का दर्द बना हुआ था, इस शोध में लोगों को रेंडमली चुना गया, तथा
उन्हें केवल आहार नियंत्रण एवं आहार नियंत्रण के साथ नियमित व्यायाम कराया
गया और इन समूहों को एक कंट्रोल समूह से तुलना कर अध्ययन किया गया. इस
अध्ययन से यह बात सामने आयी, कि आस्टीयो - आर्थराईटीस से पीडि़त रोगियों
में वजन कम करना घुटनों के दर्द से राहत पाने का एक अच्छा विकल्प है.Top
अब कम करे कोलेस्ट्रॉल को ..
बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल निशानी है हृदय रोग की. हृदय रोग होने का मतलब है
जीवन को खतरा है. हमें जानकारी होनी चाहिए कि क्यों बढ़ता है रक्त का
कोलेस्ट्रॉल. कैसे पाएं इससे छुटकारा? कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, हृदय रोग का
होना आमतौर पर बंशानुगत रोग है. फिर भी खानपान की गलतियों के कारण किसी को
भी हो सकता है. कोलेस्ट्रॉल का अपना रंग पीला है. हल्का पीला रंग होता
है. यह चर्बी व वसा लिये होता है. कोलेस्ट्रॉल का होना जरूरी है. किन्तु
सामान्य से अधिक हो तो हानिकारक. व्यक्ति के भोजन 30 का प्रतिशत तक का
भाग कोलेस्ट्रॉल ही है.
कैसे करें कोलेस्ट्रॉल को कम:
1. कोलेस्ट्रॉल कम करने का अर्थ है हृदय रोग का सही उपचार. इसके लिए
प्रतिदिन प्रातः अंकुरित अनाज, मुट्ठी भर जरूर खाएं. अंकुरित दालें भी खानी
आरम्भ करें.
2. सोयाबीन का तेल अवश्य प्रयोग करें. यह भी उपचार है.
3. लहसुन, प्याज, इनके रस उपयोगी हैं - नीम्बू, आंवला जैसे भी ठीक लगे, प्रतिदिन लें.
4. शराब या कोई नशा मत करें, बचें.
5. ईसबगोल के बीजों का तेल आधा चम्मच दिन में दो बार.
6. रात के समय धनिया के दो चम्मच एक गिलास पानी में भिगों दें. प्रातः हिलाकर पी लें. धनिया भी चबाकर निगल जाएं.
7. यदि आप अपने रक्त में कोलेस्ट्रॉल की ठीक मात्रा रख सकें. जो सामान्य
तक रहे. बढ़े नहीं. ऐसे में यह रोग होगा ही नहीं. इन सब जानकारियों की
चर्चा पहले ही अपने चिकित्सक से कर लें तो बेहतर होगा.
व्यायाम:
1. योगासन जिस में प्राणायाम भी हो हल्के व्यायाम, खेलना, तैरना, पैदल चलना.
2. बड़े कदमों से सैर, साइकिल चलाना, कम से कम समय आराम करना, शरीर चलाए रखना.
परहेज:
1. अनाज व तले पदार्थों की जगह अधिक फलों का प्रयोग, फल ऐसे हों जो पेड़ पर ही पके हों.
2. हरी सब्जियां खाना, सैर करना, लेटे नहीं रहना, जिन कारणों से यह रोग होता है, उसे निकाल फेकें.Top
हर पेट के रोग के लिए देसी रामबाण होम उपाय
चिकित्सा के में क्षेत्र दुनिया ने काफी तरक्की कर ली है. लेकिन आज भी
स्वास्थ्य कि में क्षेत्र प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद और योग को सर्वाधिक
भरोसेमंद और अचूक माना जाता है. ऐलोपैथिक दवाइयां रोग के लक्षणों को
दबाती और नष्ट करती है, जबकि प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद और योग का
लक्ष्य बीमारी को दबाना नहीं बल्कि शरीर को अंदर से मजबूत करके हर बीमारी
को जड़ से मिटाना होता होता है. आयुर्वेद के अंतर्गग नीबू के प्रयोग को
बेहद फायदेमंद और गुणकारी माना गया है.
नीबू में ऐसे कई दिव्य गुण होते हैं जो पेट संबंधी अधिकांस बीमारियों को
दूर करने में बेहद कारगर होता है. खुल कर भूख न लगना, कब्ज रहना, खाया हुआ
पचाने में समस्या आना, खट्टी डकारें आना, जी मचलाना, एसिडिटी होना, पेट
में जलन होना .... ऐसी ही कई बीमारियों में नीबू का प्रयोग बहुत फयदेमंद और
कारगर सिद्ध हुआ है.
सावधानियां (सावधानियां)
1. निबू की तासीर ठंडी मानी गई है, इसलिये शीत प्रकृति के लोगों को इसका प्रयोग कम मात्रा में ही करना चाहिये.
2. जहां तक संभव हो नीबू का प्रयोग दिन में ही करना चाहिये, शाम को या रात
में प्रयोग करने से सर्दी - जुकाम होने की संभावना रहती है.
3. व्यक्ति अगर किसी अन्य बीमारी से ग्रसित हो तो उसे किसी जानकार आर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श के बाद ही नीबू का सेवन करना चाहिये.
चिकित्सा के में क्षेत्र दुनिया ने काफी तरक्की कर ली है. लेकिन आज भी
स्वास्थ्य कि में क्षेत्र प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद और योग को सर्वाधिक
भरोसेमंद और अचूक माना जाता है. ऐलोपैथिक दवाइयां रोग के लक्षणों को
दबाती और नष्ट करती है, जबकि प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद और योग का
लक्ष्य बीमारी को दबाना नहीं बल्कि शरीर को अंदर से मजबूत करके हर बीमारी
को जड़ से मिटाना होता होता है. आयुर्वेद के अंतर्गग नीबू के प्रयोग को
बेहद फायदेमंद और गुणकारी माना गया है.
नीबू में ऐसे कई दिव्य गुण होते हैं जो पेट संबंधी अधिकांस बीमारियों को
दूर करने में बेहद कारगर होता है. खुल कर भूख न लगना, कब्ज रहना, खाया हुआ
पचाने में समस्या आना, खट्टी डकारें आना, जी मचलाना, एसिडिटी होना, पेट
में जलन होना .... ऐसी ही कई बीमारियों में नीबू का प्रयोग बहुत फयदेमंद और
कारगर सिद्ध हुआ है.
सावधानियां (सावधानियां)
1. निबू की तासीर ठंडी मानी गई है, इसलिये शीत प्रकृति के लोगों को इसका प्रयोग कम मात्रा में ही करना चाहिये.
2. जहां तक संभव हो नीबू का प्रयोग दिन में ही करना चाहिये, शाम को या रात
में प्रयोग करने से सर्दी - जुकाम होने की संभावना रहती है.
3. व्यक्ति अगर किसी अन्य बीमारी से ग्रसित हो तो उसे किसी जानकार आर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श के बाद ही नीबू का सेवन करना चाहिये.Top
भूलकर. भी इन चीजों को एक साथ ना खाये वरना बन जाएगा जहर.
जाने - अनजाने में हम कुछ खाने की चीजों का साथ में खा लेते हैं आयुर्वेद
के अनुसार जिनका सेवन आपके लिए घातक हो सकता है. आज दादी माँ आपको बताने
जा रहे हैं कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में जिन्हें एक साथ खाना आपके लिए जहर
का काम कर सकता है और आपकी तबीयत बिगड़ सकती है.
1. आलू और चावल एक साथ नहीं खाना चाहिए. इससे कब्ज की समस्या हो सकती है.
2. बैंगन का भरता और दूध की बनी कोई चीज
3. आइस्क्रीम के तुरंत बाद पानीपूरी.
4. पिपरमेंट को कभी भी कोल्डड्रिंक पीने से पहले पुदीने दोनों को मिलाने पर साइनाइड बनता है जो कि जहर के समान कार्य करता है.
5. दूध में नींबु या संतरे का छिंटा भी पड़ जाए तो दूध फट जाता है दोनों का एक साथ सेवन करने पर एसीडिटी हो जाती है.
6. चिकन के साथ ज्यूस या मिठाई आदि का शौक रखने वालों को भी इसके सेवन से
बचना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से पेट खराब हो सकता है. इस कारण बदहजमी हो
जाती है. जहां तक हो सके ऊपर बताए गई सभी चीजों को एक साथ खाने से बचना
चाहिए नहीं तो ये आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं.
7. मिठाई या किसी भी प्रकार के चॉकलेट शराब पीते वक्त या उसके बाद नहीं
खाना चाहिये. आम तौर पर लोग सोचते हैं कि मिठा खाने से शराब जयादा चढ़ती
है, जबकि सही मायने में मीठी चीजें शराब के जहर को और ज्यादा बढ़ाती हैं.
8. शहद कभी किसी गर्म चीज के साथ निशानचीखेलों लें जहर समान हो जाता है.
9. तेलकी चीजें खाने के तुरंत बाद पानी नही पीना चाहिये बल्कि एक डेढ़ घंटे बाद पीना चाहिये.Top
होम उपाय घुटने के दर्द से छुटकारा हमेशा के लिए प्राप्त करने के लिए
1. सवेरे मैथी दाना के बारीक चुर्ण की एक चम्मच की मात्रा से पानी के साथ
फंक्की लगाने से घुटनों का दर्द समाप्त होता है. विशेषकर बुढ़ापे में
घुटने नहीं दुखते.
2. सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने से मात्र ही घुटनों का दर्द समाप्त हो जाता है.
3. नारियल की गिरी अक्सर खाते रहने से घुटनों का दर्द होने की संभावना नहीं रहती.
जोड़ों के दर्द आस्टीयो - आर्थराईटीस पर शोध:
यदि आप जोड़ों के दर्द आस्टीयो - आर्थराईटीस से हैं,
परेशान तो निशानचीखेलों घबराएं विशेषज्ञों की मानें तो आहार में कुछ
परिवर्तन के साथ नियमित व्यायाम इस प्रकार के जोड़ों के दर्द 50 को प्रतिशत
से अधिक कम कर सकता है. वेक फारेस्ट यूनिवर्सिटी के स्टीफन पी मेसीयर. के
एक शोध में यह जानकारी दी गयी है, जिसे हाल ही में अमेरिकन कालेज आफ
रयूमेटोलोजी के सालाना वैज्ञानिक सत्र में प्रस्तुत किया गया है.
आस्टीयो - आर्थराईटीस में सामन्यतया घुटनों की उपास्थि
नष्ट हो जाती है, तथा वजन में बढ़ोत्तरी, एवं उम्र चोट, जोड़ों में तनाव
एवं पारिवारिक इतिहास आदि कारण इसे बढाने का काम करते हैं. ऐसे रोगियों
में नियंत्रित आहार से वजन कम करना जोड़ों के दर्द को कम करने का कारगर
उपाय है. यह 154 अध्धयन ओवरवेट लोगों में किया गया, जिनमें आस्टीयो
आर्थराईटीस के कारण घुटनों का दर्द बना हुआ था, इस शोध में लोगों को
रेंडमली चुना गया, तथा उन्हें केवल आहार नियंत्रण एवं आहार नियंत्रण के साथ
नियमित व्यायाम कराया गया और इन समूहों को एक कंट्रोल समूह से तुलना कर
अध्ययन किया गया. इस अध्ययन से यह बात सामने आयी, कि आस्टीयो - आर्थराईटीस
से पीडि़त रोगियों में वजन कम करना घुटनों के दर्द से राहत पाने का एक
अच्छा विकल्प है.Top
नारियल पेट की कई बीमारियों को करे अकेले रफू चक्कर.
नारियल एक ऐसा फल है जो आसानी से कहीं भी मिल जाता है. इसकी सहायता से आप
घर पर ही विभिन्न बीमारियों को ठीक कर सकते हैं. विशेषतः यह पेट के लिए
बहुत उपयोगी है.
मुंह के छाले
मुंह के छाले होने पर नारियल की सफेद गिरी का टुकड़ा और एक चम्मच भर चिरोंजी मुंह में डालकर धीरे - धीरे चबाना व चूसना चाहिए.
एसीडिटी
एसीडिटी से ग्रसित होने पर सीने व पेट में जलन, जी मचलाना, उल्टी होने
जैसा जी करना या उल्टी होना, मुंह में छाले होना, सिरदर्द, होना पतले दस्त
लगना आदि लक्षण प्रकट होते हैं. कच्चे नारियल की सफेद गिरी, खस और सफेद
चंदन का बुरादा दस - दस ग्राम ले. एक गिलास पानी में डाल कर शाम को रख
दें. सुबह इसे मसल कर छान कर खाली पेट पीने से एसीडिटी धीरे - धीरे खत्म
होने लगेगी.
पेट के कीड़े
बड़ी के उम्र व्यक्ति को अगर पेट में कृमि की समस्या है तो सूखे गोले का
ताजा बूरा 10 ग्राम मात्रा में लेकर खूब चबा - चबाकर खा लें. इसके तीन
घंटे बार सोते समय दो चम्मच केस्टर आइल, आधा कप गुनगुने गर्म दूध में डालकर
तीन दिन तक पीएं. पेट के कीड़े मल के साथ निकल जाएंगे.
आधा सीसी
आधा सीसी वाला दर्द हो तो नारियल का पानी ड्रापर से नाक के दोनों तरफ दो - दो बूंद टपकाने से आधा सीसी का दर्द दूर होता है.
नारियल (नारियल) क्या है:
नारियल को भारतीय सभ्यता
में शुभ और मंगलकारी माना गया है. इसलिए पूजा - पाठ और मंगल कार्यों में
इसका उपयोग किया जाता है. किसी कार्य का शुभारंभ नारियल फोड़कर किया जाता
है. पूजा के प्रसाद में इसका प्रयोग किया जाता है. इसका उपयोग काड लिवर
आइल के स्थान पर सेवन में किया जा सकता है. यह कच्चा और पका हुआ दो
अवस्थाओं में मिलता है. नारियल का पानी पिया जाता है. इसका पानी मूत्र,
प्यास व जलन शांत करने वाला होता है | Top
लहसुन आप आज खतरनाक रोग से बचा सकता है
जानलेवा बीमारियों को मिटायें लहसुन की सिर्फ दो कलीयां.
लहसुन खून में बढ़ी चर्बी कोलेस्ट्रोलको कम करने का काम करता है. उच्च
रक्तचाप भी अनेक मारक रोगों का बढ़ा कारण माना जाता है. लहसुन का प्रयोग
इन दोनों ही बीमारियों को जड़ से नष्ट करने की क्षमता रखता है. बस इसमें
एक ही कमी हैं, वह है इसकी दुर्गंध. लेकिन इसमें कोलेस्ट्रोल को ठीक करने
की गजब की क्षमता होती है.
दादी माँ का देसी nuskha:
रोज सबेरे बिना कुछ खाए -
पीए दो पुष्ट कलियां छीलकर टुकड़े करके पानी के साथ चबाकर खा ले निगल जाए.
इस साधारण से प्रयोग को नित्य करते रहने से रक्त में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल
तो कम होगा ही, साथ ही उच्च रक्तचाप रोगियों का रोग भी नियंत्रित हो
जाएगा.
शरीर में कही भी ट्युमर होने की संभावना दूर हो जाती है.
लहसुन (लहसुन) क्या है:
जो कुछ भी हम रोजमर्रा के
आहार में खाते - पीते हैं. उन सभी के अपने गुण - दोष होते हैं. रोटी,
चावल, दाल, सब्जी, तथा उनमें डाले जाने वाले मसाले आदि सभी के कुछ
निशानचीखेलों कुछ गुण हैं. अब जैसे लहसुन में एक नहीं अनगिनत गुण हैं.
ऐसे ही लहसुन के एक गुणकारी प्रयोग की जानकारी उपर वर्णित है. Top
एलर्जी के लिए बिल्कुल सही देसी होम उपाय
एलर्जी एक ऐसा शब्द है, जिसका प्रयोग व्यापक रूप से होता आया है, आपने यह
भी कहते हुए सुना होगा कि यार मुझे उससे बात करने में एलर्जी होती है. ऐसा
ही कुछ हमारे सजीव शरीर में भी होता है, एलर्जी हमारे शरीर की रोग
प्रतिरोधकक्षमता के अतिसक्रियता के कारण उत्पन्न होने वाले एक प्रतिक्रिया
है, खासकर तब जब प्रतिक्रिया किसी सामान्य एवं हानिरहित पदार्थ से हो रही
हो तो वह पदार्थ एलर्जन कहलाता है. ये प्रतिक्रियाएं एक्वयार्ड,
प्रेडिकटेबल एवं होती तीव्र हैं. आयुर्वेद शरीर रूपी को क्षेत्र एलर्जन
रूपी बीज के प्रभाव से प्रतिरोधक क्षमता को संतुलित करने के सिद्धांत पर
कार्य करता है, अत: हानिरहित औषधियां एलर्जी से बचाव में अत्यंत कारगर
सिद्ध होती हैं.
दादी मां के Nuskhe:
सर्दी हो या गर्मी सुबह उठते ही
नाक बंद हो जाने और लगातार छिंक आने से वे परेशान हैं तो केवल नियमित रूप
से गिलोय की ताजी डंठलों का रस तथा ताजे आंवलें का रस निकालकर, उन्हें
नियमित रूप से 2-3 चम्मच की मात्रा में सेवन करें या करायें निश्चित लाभ
मिलेगा
गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद, आधा चम्मच नींबू का रस को कुछ महीनों तक
लगातार लें, देखें आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में संतुलन हम सो जाएगा, और
आपको एलर्जी से सम्बंधित परेशानियों में अवश्य ही लाभ मिलेगा. Top
मधुमेह के लिए देशी आयुर्वेदिक उपचार :डाइबिटीज के लिए देसी आयुर्वेदिक नुस्खे
तनाव हमारे जीवन को एक अभिन्न पहलू बनता जा रहा है थोड़ा बहुत तनाव जीवन
में स्वाभाविक होता है, परन्तु जब तनाव अपनी पराकाष्ठा को पार कर जाय, तो
मानसिक विकारों के साथ - साथ हृदय सहित डाइबिटीज जैसे रोगों को निमंत्रण
देता है. दुनिया में डाइबिटीज जैसे शारीरिक विकारों की उत्पत्ति के पीछे
भी अनियमित खानपान एवं तनावयुक्त दिनचर्या एक बड़ा कारण है, आज दुनिया में
जिस प्रकार डाइबिटीज के रोगी बढ़ रहे हैं, भारत भी इस मामले में एक कदम आगे
है
पुरी दुनिया योग एवं आयुर्वेद को अपना कर यह साबित कर रही है, कि हमारे
आचार्यों का विज्ञान तथ्यों से पूर्ण था. आयुर्वेद में सदियों पूर्व
प्रमेह रोग के रूप में डाइबिटीज को समाहित किया था, एवं इसके मूल कारणों
में आरामतलबी जीवन एवं खानपान को बतलाया गया था. आइए आज हम कुछ ऐसे उपायों
पर चर्चा करेंगे जिससे आपको इस विकृति को शरीर में सुकृति के रूप में
स्थापित करने में मदद मिलेगी.
1. कफ बढाने वाले खान - पान से बचें
2. दिन में सोने से बचें.
3. नियमित व्यायाम करें, इससे से आप डाइबिटीज सहित हृदय रोगों से भी बचे रह सकते हैं
4. इसके लिए योग अभ्यास (पश्चिमोत्तासन एवं हलासन का अभ्यास) एक महत्वपूर्ण साधन है.
5. संतुलित भोजन को प्राथमिकता दें.
6. रोज खाने के बाद थोड़ी देर जरूर टहले.
7. धूम्रपान व मद्यपान से बचें.
8. जामुन के गुठली का चूर्ण, नीम के का पत्र चूर्ण, बेल के पत्र का चूर्ण,
शिलाजीत, गुडमार, करेला बीज एवं त्रिफला का चूर्ण चिकित्सक के परामर्श से
लेना डाइबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद होगा. Top
दादी मां के देसी घरेलु रोज़ मर्रा के नुस्खे
छोटी - मोटी समस्याएं हम सभी को हो सकती है. कुछ समस्याएं ऐसी होती है
जिनके लिए डॉक्टर के पास भी नहीं जाया जा सकता है. ऐसी ही कुछ समस्याओं के
लिए हम आपको बताने जा रहे है कुछ घरेलु नुस्खे:
1. गैस की तकलीफ से तुरंत राहत पाने के लिए लहसुन 2 की कली 2 छीलकर चम्मच शुद्ध घी के साथ चबाकर खाएं फौरन आराम होगा.
2. ताजा हरा धनिया मसलकर सूंघने से छींके आना बंद हो जाती हैं.
3. प्याज का रस लगाने से मस्सो के छोटे - छोटे टुकड़े होकर जड़ से गिर जाते हैं.
4. यदि नींद निशानचीखेलों आने की शिकायत है, तो रात्रि में सोते समय तलवों पर सरसों का तेल लगाएं.
5. प्याज के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से उल्टियां आना तत्काल बंद हो जाती हैं.
6. सूखे तेजपान के पत्तों को बारीक पीसकर हर तीसरे दिन एक बार मंजन करने से दांत चमकने लगते हैं.
7. हिचकी चलती हो 1-2 तो चम्मच ताजा शुद्ध घी, गरम कर सेवन करें.
8. यदि आवाज बैठी हुई है या गले में खराश है, तो सुबह उठते समय और रात को
सोते समय छोटी इलायची चबा - चबाकर खाएं तथा गुनगुना पानी पीएं. Top
स्वादिष्ट घरेलु दादी माँ के नुस्खे पेट दर्द दूर भगाने के लिए.
पेट दर्द दूर भगाने के नुस्खे:
1. दो चम्मच मेथी दाना में नमक मिलाकर सुबह - शाम दो बार गर्म पानी से लें.
2. सौंफ और सेंधा नमक मिलाकर पीसकर दो चम्मच गर्म पानी से लें.
3. काली मिर्च, हींग, सौंठ समान मात्रा में पीसकर सुबह शाम गर्म पानी से आधा चम्मच लें.
4. पिसी लाल मिर्च गुड़ में मिलाकर खाने से पेट दर्द में लाभ होता है.
5. दो इलायची पीसकर शहद मिलाकर चाटने से लाभ होता है.
6. अनार के दानों पर काली मिर्च और नमक डाल कर चूसें.
7. नींबू की फांक पर काला नमक, काली मिर्च व जीरा डालकर गर्म करके चूसें.
8. 2 ग्राम अजवाइन में एक ग्राम नमक मिलाकर गर्म पानी से लें.
बचाव:
पेट में दर्द होने के अनेक कारण हो सकते हैं. लेकिन अधिकतर पेट दर्द का
कारण भोजन न पचना होता है. पेट में किसी भी तरह का दर्द हो बोतल में गर्म
पानी भरकर सेंकने से आराम मिलता है. जब तक पेटदर्द शांत न हो जाए तब तक
कुछ नहीं खाना चाहिए.
अपच होने पर पेट भारी होकर फूल जाता है, इससे पेट दर्द और बैचेनी जलन और
कभी कभी मितली आने लगती है, खट्टी डकारें आती है, पेट में भारीपन महसूस
होता है, पेटदर्द और उल्टी आदि की शिकायतें होती है. पेटदर्द मिटाने के
लिए कड़वी दवाईयां ले लेकर आप परेशान हो चूके हैं तो आजमाइए पेट दर्द दूर
भगाने वाले उपरोक्त टेस्टी नुस्खे. Top
अब छोटी - छोटी परेशानियों के लिए बार - बार डॉक्टर के क्लिनिक के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं.
ऐसी ही कुछ समस्याओं के बारे में हम बात कर रहे हैं. जो सामान्य रूप से
किसी के भी साथ हो सकती है. हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे ही छोटे
आसान और बेहद काम के सरल दादी माँ के घरेलू उपायों के विषय में जो कई
समस्याओं से छुटकारा दिलाने में बड़े अचूक होते हैं
- हिचकी का घरेलु उपाय (हिचकी के लिए प्राकृतिक उपचार)
हिचकी चलती हो 1-2 तो चम्मच ताजा शुद्ध घी, गरम कर सेवन करें.
छींक का घरेलु उपाय (छींक के लिए प्राकृतिक देसी उपाय)
- ताजा हरा धनिया मसलकर सूंघने से छींके आना बंद हो जाती हैं.
कैसे हटायें मस्से
- प्याज का रस लगाने से मस्सो के छोटे - छोटे टुकड़े होकर जड़ से गिर जाते हैं.
तुरंत गैस से राहत (फास्ट गैस राहत)
- गैस की तकलीफ से तुरंत राहत पाने के लिए लहसुन 2 की कली 2 छीलकर चम्मच शुद्ध घी के साथ चबाकर खाएं फौरन आराम होगा.
कैसे हों उल्टियां बंद (उल्टी रोकने के लिए)
- प्याज के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से उल्टियां आना तत्काल बंद हो जाती हैं.
अब घर पर चमकाएं दांत (दांत चमक के लिए प्राकृतिक उपचार) Top
- सूखे तेजपान के पत्तों को बारीक पीसकर हर तीसरे दिन एक बार मंजन करने से दांत चमकने लगते हैं.
शीतकालीन विशेष प्राकृतिक होम पूरे वर्ष के लिए प्रतिरक्षण प्राप्त
सर्दी स्पेशल - ऐसा क्या खाएं की सालभर बीमारियां छू भी नहीं पाएं.
सर्दियों में अपनी आयु और शारीरिक अवस्था को ध्यान में रख कर उचित और
आवश्यक मात्रा में, पौष्टिक शक्तिवर्धक चीजों को लेना हमारे शरीर को सालभर
के लिए एनर्जी देता है. आयु और शारीरिक अवस्था के मान से अलग - अलग पदार्थ
सेवन करने योग्य होते हैं. लेकिन ठंड में पौष्टिक पदार्थों का सेवन शुरू
करने से पहले पेट शुद्धि यानी कब्ज दूर करना आवश्यक है.
क्योंकि इन्हें पचाने के लिए अच्छी पाचन शक्ति होना जरूरी है. वरना
पौष्टिक पदार्थों या औषधियों का सेवन करने से लाभ ही नहीं होगा. ऐसी
तैयारी करके, सुबह शौच जाने के नियम का पालन करते हुए, हर व्यक्ति को अपना
पेट साफ रखना चाहिए. ठीक 32 समय बार चबा चबा कर भोजन करना चाहिए. आज हम
पहले ऐसे पौष्टिक पदार्थों की जानकारी दे रहे हैं. जो किशोरवस्था से लेकर
प्रोढ़ावस्था तक के स्त्री - पुरुष सर्दियों में सेवन कर अपने शरीर को
पुष्ट, सुडौल, व बलवान बना सकते हैं.
सर्दियों के खास नुस्खे:
1. सोते समय एक गिलास मीठे कुनकुने गर्म दूध में एक चम्मच शुद्ध घी डालकर पीना चाहिए.
2. दूध में मलाई और पिसी मिश्री मिलाकर पीना चाहिए.
3. एक बादाम पत्थर घिस कर दूध में मिला कर उसमें पीसी हुई मिश्री मिलाकर पीना चाहिए.
4. सप्ताह में दो दिन अंजीर का दूध लें.
5. लमखाना.
6. सफेद मुसली.
7. ठंडे दूध में एक केला और एक चम्मच शहद.
8. उड़द की दाल दूध पका कर बनाई हुई खीर.
9. प्याज का रस.
10.असगंध चूर्ण
11.उड़द की दाल.
12.रोज सेवफल खाएं.
13.कच्चे नारियल की सफेद गरी.
14.प्याज का रस दो चम्मच, शहद एक चम्मच, घी पाव चम्मच. Top
सूखे अदरक के ये अनोखे प्रयोग कर देंगे इन सारे रोगों की छुट्टी
भोजन ठीक तरह से नहीं पचता है, भोजन के ठीक से नहीं पचने के कारण शरीर में
कितने ही रोग पैदा हो जाते है, अनियमित खानपान से गैस और कफ दूषित हो जाते
हैं. सोंठ कब्ज एवं कफवात नाशक, आमवात नाशक है. उदररोग, वातरोग,
बावासीर, आफरा, आदि रोगों का नाश करती है. सोंठ में कफनाशक गुण होने के
कारण यह खांसी और कफ रोगों में उपयोगी है.
सोंठ का उपयोग प्राचीनकाल से ही होता आ रहा है. सोंठ एक उष्ण जमीकंद हैं
जो अदरक के रूप में जमीन से खोदकर निकाली जाती है और सुखाकर सोंठ बनती है.
मनुष्य में जीने की शक्ति और रोगों से लडऩे की प्रतिरोधक क्षमता पैदा करती
हैं. यह औषधी उत्तेजक, पाचक और शांतिकारक हैं. इसके सेवन से पाचन क्रिया
शुद्ध होती है. सोंठ उष्ण होने से वायु के कुपित होने पर होने वाले रोगों
को नष्ट करती है.
आधा सिरदर्द - सोंठ का चंदन की घिसकर लेप करें.
आंखों के रोग सोंठ नीम के पत्ते या निंबोली पीसकर उसमें थोड़ा सा सेंधा
नमक डालकर गोलियां बना लें. गोली को मामूली गर्म कर आंखों पर बांधने से
आंखों की पीड़ा कम होती है.
कमरदर्द - कमरदर्द में सोंठ का चूर्ण आधा चम्मच दो कप
पानी में उबालकर आधा कप रह जाए. तब छानकर ठंडाकर उसमें दो चम्मच अरण्डी
तेल मिला क रोज रात को पीएं.
उदर रोग - चार ग्राम सोंठ का काढ़ा बनाकर पिलाएं एवं साथ
में अजवाइन की बनाकर पिलाएं. साथ में अजवाइन की फक्की लगाने से उदर रोग
नष्ट होता है.
खांसी - सोंठ चूर्ण के साथ मुलहटी का चूर्ण एक चम्मच
गुनगुने पानी में लेने पर छाती में जमा कफ बाहर निकलता है और खांसी में
आराम मिलता है.
कब्ज - सोंठ का चूर्ण एक चम्मच गरम पानी को उबालकर पिलाएं.
मंदाग्रि - सोंठ चूर्ण गुड़ में मिलाकर खाने से पाचन क्रिया बढ़ती है.
प्रसव के बाद सोंठ एवं सफेद मूसली का चूर्ण, कतीरा गोंद के साथ खाने पर प्रसव की कमजोरी एवं कमर दर्द में कमी हम सो जाती है Top
मैथी के घर पर तैयार लड्डू से महिलाएं पाएं चिरयौवन और रहे निरोग
ठंड में आने वाली सारी हरे पत्तेदार सब्जियों को स्वास्थ्य के लिए बहुत
लाभकारी माना गया है. अगर बात मेथी की हो तो मेथी तो वो सब्जी है जो खाने
के स्वाद को और ज्यादा बड़ा देती है. मसालों, सब्जियों के बघार में, अचार
में, पत्तियों की सब्जी और मेथी के पराठे बहुत चाव से खाए जाते हैं. मेथी
का दवाई के रूप में उपयोग हजारों सालों से किया जाता रहा है. कमर दर्द,
गठिया दर्द, प्रसव के बाद, डाइबिटीज के साथ ही जोड़ों के दर्द, आंखों की
कमजोरी, शारीरिक दुर्बलता, संबंधी मूत्र विकार ये सब दूर होते हैं. इसका
सेवन हर साल करते रहना चाहिए.
स्त्रियां के लिए विशेष:
स्त्रियां भी इस लड्डू के सेवन करके सदैव स्वस्थ रह सकती हैं एवं चिरयौवन
प्राप्त कर सकती हैं. हर साल सर्दियों के मौसम में इसे लाग के रूप में
खाया जाता है. माना जाता है ठंड में इसका सेवन करने से शरीर स्वस्थ व
निरोगी रहता है.
सामग्री:
मेथीदाने - 500 ग्राम
सोंठ का बारीक पाउडर 250 ग्राम
दूध चार लीटर
500 घी ग्राम
चीनी किलो 1.5
सोंठ, छोटी पीपलामूल, अजवाइन, जीरा, कलौंजी, सौंफ, धनिया, तेजपत्ता, कचूर, दालचीनी, जायफल और नागरमोथा ये 10-10 सब ग्राम.
तैयार करने की विधि:
उक्त सामग्री को कूट पीसकर बारीक चूर्ण बना लें.
अब दूध को एक साफ कड़ाई में डालकर आग पर चढ़ाएं.
औटाने पर जब दूध आधा रह जाए, तब इसमें मेथी का पिसा चूर्ण तथा सोंठ का पिसा हुआ चूर्ण डाल दें.
हिलाते रहें और मावा बना दें. अब घी डालकर इसकी सिकाई करें.
गुलाबी रंग का होने तक सेकें.
अब इसमें मावा और बाकी की सब पिसी हुई दवाईयां मिलाकर चलाएं.
जब कुछ गाढ़ा सा हो जाए, तब नीचे उतार लें
तथा या तो जमाकर बर्फी जैसी चक्की काट लें अथवा 10-10 लगभग ग्राम वजन के लड्डू बांध दें.
कैसे प्रयोग करें:
इस लड्डू को सुबह के 200 समय ग्राम की मात्रा में खाकर ऊपर से दूध पीएं.
इससे सभी तरह के वायु विकार समाप्त होते हैं. हष्ट शरीर पुष्ट होता है.
प्रसव के बाद स्त्रियां इस पाक का सेवन करें. उनका शरीर कांतिमान हो जाता
है.
जिन व्यक्तियों के जोड़ों में सून दर्द, घुटनों में दर्द, थकान सी महसूस
होना, पैरों के तलवों में अत्याधिक पसीना आना, बायंटे आना व गैस संबंधित
सभी बीमारियों में फायदा होता है. Top
विशेष महिला दादी मां की देसी घर उपाय कमजोरी सभी प्रकार काबू करने के लिए
महिलाओं के लिए विशेष - दादी माँ का देसी घरेलु नुस्खा जो महिलाओं की हर
तरह की कमजोरी को दूर करेगा
आज कल अधिकतर महिलाएं श्वेत रक्त प्रदर, रक्त प्रदर, मासिक धर्म की
अनियमितता, कमजोरी, दुबलापन, सिरदर्द, कमरदर्द आदि कई बीमारियां से परेशान
है. ये सभी बीमारियां शरीर को स्वस्थ नहीं रहने देती हैं. अतः अपनाएं
निम्न दादी माँ का देसी घरेलु नुस्खा जो महिलाओं की हर तरह की कमजोरी को
दूर करता है.
सामग्री:
स्वर्ण भस्म या वर्क दस ग्राम,
मोती पिष्टी बीस ग्राम,
शुद्ध हिंगुल तीस ग्राम,
सफेद मिर्च चालीस ग्राम,
शुद्ध खर्पर अस्सी ग्राम.
गाय के दूध का मक्खन पच्चीस ग्राम
तैयार करने की विधि:
थोड़ा सा नींबू का रस पहले स्वर्ण भस्म या वर्क और हिंगुल को मिला कर एक जान कर लें.
फिर शेष द्रव्य मिलाकर मक्खन के साथ घुटाई करें.
फिर नींबु का रस कपड़े की चार तह करके छान लें.
और इसमें मिलाकर चिकनापन दूर होने तक घुटाई करनी चाहिए.
आठ - दस दिन तक घुटाई करनी होगी.
फिर उसकी एक - एक रत्ती की गोलियां बना लें.
कैसे करें सेवन:
1 2 या गोली सुबह शाम एक चम्मच च्यवनप्राश के साथ सेवन करें.
इस दवाई का सेवन करने से महिलाओं को प्रदर रोग, शारीरिक क्षीणता, और
कमजोरी आदिसे मुक्ति मिलती है और शरीर स्वस्थ और सुडौल बनता है.
यह दवाई'' स्वर्ण मालिनी 'वसंत के नाम से बाजार में भी मिलती है. इसके
सेवन से शरीर बलशाली होता है. शरीर के सभी अंगों को ताकत मिलती है.
महिलाएं स्वभाव से बहुत ही भावुक होती है. कहते हैं ममता, प्यार, दया और
सेवा ये सभी गुण उनमें जन्म से ही होते हैं. इसीलिए वे शादी के बंधन में
बंधने के बाद पराए घर को अपनाकर अपने दिन - रात उनकी सेवा में लगा देती है.
ऐसे में अधिकतर महिलाएं अपने ऊपर ध्यान नहीं दे पाती हैं. ध्यान नहीं
देने के कारण वे कई बार अपनी बीमारियों को छिपाए रखती हैं. इस तरह अंदर ही
अंदर वे कमजोर होती जाती हैं. श्वेत रक्त प्रदर, रक्त प्रदर, मासिक धर्म
की अनियमितता, कमजोरी दुबलापन, सिरदर्द, कमरदर्द आदि. ये सभी बीमारियां
शरीर को स्वस्थ और सुडौल नहीं रहने देती हैं. इसलिए उपरोक्त आयुर्वेदिक
नुस्खा जो महिलाओं की हर तरह की कमजोरी को दूर करता है का सेवन करें. Top
विवाहित जीवन का आनंद लें घर पर हर्बल पाउडर तैयार
सुखी दांपत्य जीवन के लिए घर पर बनाएं आयुर्वेदिक चूर्ण और अपने वैवाहिक
जीवन को भर दें आनंद से.
आज की व्यस्ततम जीवनशैली, तनावभरी दिनचर्या और भौतिक सुख सुविधायें जुटाने
की लालसा ने खुशहाल वैवाहिक जीवन को एक सपने की तरह बना दिया है. काम ने
इस कर्म पवित्र के मूल में निहित भाव एवं उद्देश्य को समाप्त कर दिया है.
काम आज दाम्पत्य जीवन की औपचारिकता भर रह गया है, इन्ही कारणों से यौन
संबंधों को लेकर असंतुष्ट युगलों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है.
अगर आपके साथ भी यही समस्या है आपको कमजोरी व क्षीणता महसूस होती है. अपने
साथी को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं तो नीचे लिखे देसी आयुर्वेदिक नुस्खे को
जरूर अपनाएं निश्चित ही फायदा होगा.
सामग्री -
सकाकुल मिश्री, सालम मिश्री, काली मूसली और शतावर 40-40 सभी ग्राम.
बहमन सफेद, बहमन लाल, तोदरी छोटी, तोदरी बड़ी 20-20 सभी ग्राम.
सुरवारी के बीज, जौ इंद्र मीठे, जावित्री, जायफल, सौंठ, कुलींजन 10-10 सभी ग्राम.
निर्माण विधि
सारी औषधियों को अलग - अलग कुट पीसकर बाद में उक्त अनुपात में मिलाकर साफ सूखी शीशी में भरकर रखें.
सेवन विधि
पांच ग्राम की मात्रा लेकर इस चूर्ण 10 को ग्राम शहद में मिलाकर चाट लें.
दूध के साथ न लें. उसी से दवा खानी चाहिए. इस मदनानंद चूर्ण के सेवन से
धातु क्षीणता, नामर्दी की शिकायत भी कुछ दिनों मिट जाती है. वास्तव में यह
चूर्ण कामोत्तेजना जाग्रत करने का बहुत अच्छा उपाय है.
महत्वपूर्ण नोट: अगर स्त्री प्रसंग से परहेज करके इस दवा का सेवन छ: महीने
(छह माह) तक कर लिया जाए तो बहुत ही अच्छा है Top
हमेशा रहे तरोताजा कम्प्यूटर पर कई घंटो तक काम करने के बाद भी.
आजकल कम्प्यूटर हम सभी की जिंदगी की जरुरत बन गया है. वर्कप्लेस हो या घर
हम बिना कम्प्यूटर के अपना काम नहीं कर सकते हैं. यही कारण है कि
कम्प्यूटर पर काम करते हुए थकान हो जाने के बावजूद भी हम लगातार कम्प्यूटर
पर काम करते रहते हैं. ऐसे में ये भी एक परेशानी है कि हम कम्प्यूटर पर
काम को करते हुए भी किस तरह अपने वर्क 100 में प्रतिशत तक दे सकते हैं.
अगर आपके साथ भी यही समस्या है कि आप कम्प्यूटर पर बहुत ज्यादा काम के बोझ
के कारण होने वाली थकान के चलते ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं तो हम देते
हैं आपको कुछ ऐसे टिप्स जिनसे आप कम्प्यूटर पर कई घंटो तक काम करने के
बावजूद भी तरोताजा रह सकते हैं.
1. बेवजह कम्प्यूटर का इस्तेमाल निशानचीखेलों करें.
2. कम्प्यूटर पर कार्य करते समय कुर्सी सही डिजाइन की होनी चाहिए.
3. कुर्सी में पूरी पीठ हत्थे पर होनी चाहिए. जिससे बैठते समय कमर, पीठ और हाथों को सहारा मिले.
4. की - बोर्ड माउस 90 को कोण पर मुड़ी कोहनी की सीध में रखें, बेहतर होगा की बोर्ड थोड़ा ढलान पर हों.
5. जांघे जमीन के समांतर टखने समकोण पर मुड़े हो, आवश्यक होने पर पैरों को फुट रेस्ट सहारा दें.
6. कम्प्यूटर पर कार्य करते समय फोन को कंधों और गर्दन से दबा कर बात निशानचीखेलों करें.
7. देर तक टेलीफोन से बात करने के लिए हेडफोन उपयोग करें.
8. कार्य करते समय शरीर ढीला रखें मन शांत रखें.
9. की - बोर्ड माउस का उपयोग कम करने के लिए आवाज पहचान कर कार्य करने वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
10.मॉनीटर की चमक, परावर्तन कम करने के लिए एण्टीग्लेमर कोटिंग या ग्लास लगाएं. Top
प्राकृतिक होम युक्तियाँ द्वारा भव्य चमक चेहरे के साथ सुंदर बनें
अब बनें दिलकश जवाँ खूबसूरती के मालिक बस चाँद दादी माँ के घरेलु नुस्खों
से
गौरा रंग और चमकदार त्वचा सभी की चाहत होती है. ज्यादा सांवले रंग के
कारण कई बार शादी में भी समस्या होती है. अगर आप भी गौरी - गौरी त्वचा
चाहते हैं. तो कुछ आसान आयुर्वेद नुस्खे ऐसे हैं जिनसे आपका सांवलापन पूरी
तरह नहीं मगर काफी हद तक दूर हो सकता है. साथ ही इन नुस्खों से स्कीन तो
हेल्दी होती ही है और मिलती है दिलकश खूबसूरती.
1. रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण का सेवन करें.
2. एक बाल्टी ठण्डे या गुनगुने पानी में दो नींबू का रस मिलाकर गर्मियों
में कुछ महीने तक नहाने से त्वचा का रंग निखरने लगता है (इस विधि को करने
से त्वचा से सम्बन्धी कई रोग ठीक हो जाते हैं).
3. आंवला का मुरब्बा रोज एक नग खाने से दो तीन महीने में ही रंग निखरने लगते है.
4. गाजर का रस आधा गिलास खाली पेट सुबह शाम लेने से एक महीने में रंग
निखरने लगता है. रोजाना सुबह शाम खाना खाने के बाद थोड़ी मात्रा में सांफ
खाने से खून साफ होने लगता है और त्वचा की रंगत बदलने लगती है.
5. प्रतिदिन खाने के बाद सौंफ का सेवन करे Top
नीम बहुउद्देशीय सफेद बाल, मधुमेह और कई रोग के इलाज के लिए ट्री
नीम सर्वौषधि पेड़ जो करे सफेद बाल काले और डायबिटीज से लेकर एड्स, कैंसर और भी कई तरह की बीमारियों का इलाज ..
सफेद बाल करे काले:
सफेद बाल काले करने के लिए नीम के तेल की कुछ बूंदें नासिका छिद्रों में टपकाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं.
सिर की रूसी समाप्त करने के लिए नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर सिर धोना चाहिए.
चर्म रोग वा सफेद दाग:
शरीर पर सफेद दाग होने पर नीम के फूल, फल तथा पत्तियों को मिलाकर बारीक पीस लें. इसे पानी में मिलाकर पीने से लाभ पहुंचता है.
नीम के तेल से मालिश करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं.
नीम की पत्तियों को उबालकर और पानी ठंडा करके नहाया जाए तो उससे भी बहुत फायदा होता है.
घाव नीम के पत्तों को पीसकर थोड़ा शहद मिलाकर घाव पर इसका लेप करने से लाभ होता है.
दाद:
दाद वाली जगहों पर लगाएं, कुछ ही दिनों में दाद का काम तमाम हो जाएगा.
अस्थमा:
अस्थमा के मरीज को नीम के बीजों का तेल पान में डालकर चबाना चाहिए.
पथरी:
पथरी होने पर पानी के साथ नीम की पत्तियों की राख नियमित लेने से पथरी गल कर बाहर निकल जाती है.
कफ:
नीम के फूलों का सेवन करने से कफ नष्ट होता है.
अन्य लाभ:
नीम की कच्ची निबोरी के सेवन से पेट के कीड़े, बवासीर व कोढ आदि रोग दूर
होते हैं. खाने में अरूचि होने पर नीम के पत्तों का सेवन लाभप्रद है.
यही नहीं, नीम के हरे पत्तों का रस नाक में टपकाने से सिर का दर्द दूर
होता है और कान में टपकाने से कान की पीड़ा में आराम मिलता है.
प्रतिदिन नीम की दातुन करने से दांतों में सडऩ, दुर्गंध व कीटाणु नहीं
रहते हैं. Top
आपको साधुवाद व धन्यवाद की आप इतना अच्छा कार्य कर रहे हैं जिससे सामान्य जन को इतना लाभ हो रहा है निश्चित ही आप बधाई के पात्र हैं।
ReplyDeleteमेरी भी कुछ जिज्ञासा हैं कृपया इनका उत्तर देवें।
1. क्या अलसी और सोयाबीन को एकसाथ इस्तमाल किया जा सकता है। इनके प्रयोग का क्या तरीका है और क्या सावधानियां रखनी चाहिये? कृपया विस्तार से बताएं। धन्यवाद
2- बच्चों के लिए हैल्थ डींक बनाना चाहता हूं जो रोज सुबह दुध में दो चम्मच मिलाकर पिला दूं। इसमें मैं अलसी, सोयाबीन, बादाम, काजू, जौ, बाजरा, चना, पिस्ता, अखरोट, छुहारा, मुंगफली
तो इसमें इनका अनुपात क्या होगा, या इनका तरीका क्या होगा दरअसल मैं बाजार में मिलने वाले काम्पलान या बोर्नविटा की जगह बच्चों को यह देना चाहता हूं। अगर इसी मिश्रण में मिठास के लिये आधा चम्मच शहद घोल दूं तो क्या यह नुकसान करेगा...कृपया शंकाओं का समाधान करें।
यह मिश्रण देने के बाद बाद में अंडा और केला का नाश्ता दिये जाने में कोई परेशानी तो नहीं है।
मेरे 2 बच्चे हैं लड़का 9 वर्ष और लड़की 8 वर्ष।
और मैं और मेरी पत्नि खुद भी वह मिश्रण रोजाना ले सकते हैं या नहीं?
हम चारों को डायबिटीज, हाई बीपी की परेशानी नहीं है।
आपके जवाब का इंतजार रहेगा। धन्यवाद
Thanks and Regards
Mohammed Akhtar